भारत के उप प्रधानमंत्रीपद
बहाल-15 अगस्त 1947 – 15 दिसम्बर 1950
प्रधानमंत्री-जवाहरलाल नेहरुगृह मंत्रालयपद बहाल-
15 अगस्त 1947 – 15 दिसम्बर 1950
प्रधानमंत्री-जवाहरलाल नेहरु
बहाल-15 अगस्त 1947 – 15 दिसम्बर 1950
प्रधानमंत्री-जवाहरलाल नेहरुगृह मंत्रालयपद बहाल-
15 अगस्त 1947 – 15 दिसम्बर 1950
प्रधानमंत्री-जवाहरलाल नेहरु
जन्म-31 अक्टूबर 1875(नडियाद, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत)
मृत्यु-15 दिसम्बर 1950 (उम्र 75)बॉम्बे, बॉम्बे राज्य,
भारतराष्ट्रीयता-भारतीयराजनीतिक दल-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बच्चे-मणिबेन पटेल, दह्याभाई पटेल
शैक्षिक सम्बद्धता-मिडल टेम्पलपेशा-वकालत
मृत्यु-15 दिसम्बर 1950 (उम्र 75)बॉम्बे, बॉम्बे राज्य,
भारतराष्ट्रीयता-भारतीयराजनीतिक दल-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बच्चे-मणिबेन पटेल, दह्याभाई पटेल
शैक्षिक सम्बद्धता-मिडल टेम्पलपेशा-वकालत
31 अक्टूबर, 1875 - 15 दिसम्बर, 1950) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी
एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम गृहमंत्री थे। सरदार पटेल बर्फ सेढंके एक
ज्वालामुखी थे। वे नवीन भारत के निर्माता थे। राष्ट्रीय एकता के बेजोड़
शिल्पी थे। वास्तव में वे भारतीय जनमानसअर्थात किसान की आत्मा थे।भारत की
स्वतंत्रता संग्राम मे उनका महत्वपूर्ण योगदान है। भारत की आजादी केबाद वे
प्रथम गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री बने। उन्हे भारत का 'लौह पुरूष'भी कहा
जाता है।जीवन परिचयपटेल का जन्म नडियाद, गुजरात में एक पाटीदार कृषक
ज़मीदार परिवार में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा की चौथी संतान थे।
सोमाभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई उनके अग्रज थे। उनकी शिक्षा मुख्यतः
स्वाध्याय से ही हुई। लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर
अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर
उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।खेडा संघर्षस्वतन्त्रता
आन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बडा योगदान खेडा संघर्ष में हुआ।
गुजरात का खेडा खण्ड (डिविजन) उन दिनो भयंकर सूखे की चपेट में था। किसानों
ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। जब यह स्वीकार नहीं किया
गया तो सरदार पटेल, गांधीजी एवं अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और
उन्हे कर न देने के लिये प्रेरित किया। अन्त में सरकार झुकी और उस वर्ष
करों में राहत दी गयी। यह सरदार पटेल की पहली सफलता थी।