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प्राइमरी शिक्षक क्या है ? सोशल मीडिया(Whatsapps/Facebook) पर खूब वायरल हो रहा है प्राइमरी शिक्षक पर लिखा व्यंग्य। आप भी पढ़ें,



प्रश्न - प्राइमरी शिक्षक क्या है ?

उत्तर----प्राइमरी शिक्षक एक ऐसा जीव है जो हरी/ लाल पट्टी वाली एक सरकारी इमारत में पाया जाता है।वह एक ऐसा कर्मचारी है जो मल्टीटास्क परफॉर्मर है जिससे सरकार उससे उसके मूल कर्तव्य यानि शिक्षण कार्य छोड़ अन्य सारे विभागों के वो कार्य लेती है जो सरकार को राजस्व उपलब्ध नही कराते हैं ।

  ये वो कर्मचारी है जिसके अपने विभाग के अलावा चपरासी ,चौकीदार, सफाईकर्मी से लेकर जनप्रतिनिधि, ग्रामीण मतदाता यानि सारे लोग अधिकारी होते हैं।
ये वो जीव है जो अन्य लोगों से ज्यादा प्रभावी है यानि तनाव दूर करने वाला यानि जिसे भी तनाव महसूस हो वो किसी भी समय उसपर अपनी भड़ास निकल सकता है ।

   ये वो इंजीनियर भी है जो बिना प्रशिक्षण के भवन निर्माण कराता है और उस निर्माण के लिये जीवनपर्यन्त जबाबदेह होता है।

  ये वो मसाला है जिसे मीडिया कोई खबर न मिलने पर मनोरंजन समाचार की तरह प्रस्तुत कर सकती है
 ये वो कर्मचारी है जिसके वेतन पर सबकी निगाह रहती है क्योंकि अन्य सारे कर्मचारी बिना वेतन के समाजसेवा करते हैं ।

    ये वो टेलरमास्टर है जो बच्चों को २०० रूपये में ग्वालियर सूटिंग के वातानूकुलित कपड़े उपलब्ध कराकर कमीशन खा जाता है।

  ये वो हलवाई है जो ३.८६/५.७६ रूपये में  फाईवस्टार होटल से भी बढ़िया भोजन उचित गुणवत्ता से भरपूर बच्चों को खिला सकता है और अपने घर के लिये धन एश्वर्य मे वृध्दि करता है।

   ये वो शिक्षक है जो बच्चों के सामने विनती करता है और अभिभावक से प्रार्थना करता है कि हे प्रभु बच्चों को विद्यालय जरुर भेजें चाहे बिना कॉपी पेन्सिल के  ही क्यों न हों और हाँ अगर स्नान न करे तो भी वहाँ
नहाने,बाल सँवारने व नाखून काटने आदि की व्यवस्था के साथ मैं उसे मनोरंजन शिक्षा भी  प्रदान करूँगा ।
     ये विद्यालय नामक राजनीतिक संस्था का प्रभारी है जहाँ सारी राजनीतिक योजनायें ,वादविवाद ,स्वास्थ्य सेवायें आदि मुफ्त प्रदान की जाती हैं।

ये वो डाक्टर भी है जो सरकारी आयरन की गोली पूरे प्रिसक्रिप्सन के साथ ,पोलियो टीका ,जापानी इंसेफेलाइटिस आदि वितरित करता है और यदि उसका कोई साईडइफेक्ट हो जाय या रियेक्शन हो जाय तो भले ही उसका उसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका न हो तो भी सहर्ष जिम्मेदारी लेकर सहर्ष जेल जाने हेतु सदैव प्रस्तुत रहता है।
 
ये वो जादूगर है जो ५०००/- रू वार्षिक मे विद्यालय के सारे खर्चे परीक्षा सामग्री समेत चला लेता है और उसके पश्चात भी अधिकारियों द्वारा चोर की उपाधि धारण करता है ।
   
५०००/- वार्षिक में विद्यालय के  आकार आदि को ध्यान मे रखते हुये  बिरला व्हाईट सीमेन्ट व बर्जर पेण्ट से बारिश के मौसम को झेलते हुये भवन चमकाता है और न चमका पाया तो अयोग्यता की उपाधि धारण करते हुये चोरी नामक विशेष योग्यता को स्वीकार करता है।

  ये वो चींटी जैसा है जो डे-नाईट ,जाड़ा ,गर्मी व वर्षा कभी भी  बिना ओवरटाइम नि:स्वार्थ भाव से ड्यूटी हेतु 24 घण्टे उपलब्ध एवम् प्रतिबद्ध रहता है।
   
शिक्षको की तो एक और विशेषता है कि वो शाम को भी blo जैसी अद्भुत ड्यूटी निभा सकता है और बिना प्रमोशन , बिना शहरी भत्ता ,बिना अतिरिक्त वेतन के उपरोक्त सारी भूमिका का निर्वहन कर सकता है क्योंकि वो मुस्कराता है

कुल मिलकर प्राईमरी शिक्षक की इतनी विशेषताऐं है कि कुछ लाईनों में इसके गुणों को लिखना वैसे ही है जैसे सूरज को दीपक दिखाना।

साभार : व्हाटऐप्स,फेसबुक से कॉपी पेस्ट,